Monday, 25 August 2014

Rubaroo Duniya

The link of today is -

http://roobaruduniya.com/


यह पत्रिका भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का कार्यालय (The Registrar of Newspapers for India, Govt of India) द्वारा पंजीयत है जिसका पंजीयन नंबर MPHIN/2012/45819 है।
‘रूबरू’ उर्दू भाषा का एक एसा शब्द जिससे हिंदी में कई शब्द जुड़े हैं, जैसे ‘जानना’, ‘अवगत होना’, ‘पहचानना’, ‘अहसास होना’ आदि, मौखिक रूप से इसका मतलब है कि अपने आस पास कि चीजों को जानना जिनके बारे में हमे या तो पता नहीं होता, और पता
होता भी है तो कुछ पूरी-अधूरी सी जानकारी के साथ | इसलिए रूबरू दुनिया का ख्याल मेरे ज़ेहन में आया क्यूंकि मैं एक इसी पत्रिका लोगों तक पहुँचाना चाहती हूँ जो फिल्मजगत, राजनीति या खेल से हटकर असल भारत और अपने भारत से हमे रूबरू करा सके | जो युवाओं के मनोरंजन के साथ साथ बुजुर्गों का ज्ञान भी बाटें, जो महिलाओं कि महत्ता के साथ साथ पुरुषों का सम्मान भी स्वीकारे, जो बच्चों को सीख दे और बड़ों को नए ज़माने को अपनाने के तरीक बताये, जो धर्म जाती व् परम्पराओं के साथ साथ विज्ञानं कि ऊँचाइयों से अवगत कराये और विज्ञ किस हद तक हमारी अपनी भारतीय संस्कृति से जुदा है ये भी बताये, जो छोटे से अनोखे गावों कि कहानियां सुनाये और जो तेज़ी से बदलते शहरों कि रफ़्तार बताये, जो शर्म हया से लेकर रोमांस महसूस कराये और जो हमें अपनी आधुनिक भारतीय संस्कृति से मिलाये |
सिर्फ इतना ही नहीं इस मासिक पत्रिका का एक उद्देश्य युवाओं तक हिंदी कि महत्ता पहुँचाना तथा हिंदी साहित्य को संग्रहित व् सुरक्षित करने के साथ साथ एक ऊँचाई देना भी है |
इस पत्रिका की मुख्य संपादक व प्रकाशक अंकिता जैन हैं |
पत्रिका की अब तक प्रकाशित प्रतियाँ

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